आइएस आतंकी संगठन की तरफ़ युवाओं का झुकाव चिंता का विषय

दैनिक जागरण, नई दिल्‍ली, 16, August, 2017

स्वतंत्रता टिवस पर दीन दयाल उपाध्याय शोध संस्थान द्वारा द्विराष्ट्वादी मानसिकता एवं अंतरराष्ट्रीय मुस्लिम परिदृश्य विषय पर परिचर्चा आयोजित हुई। वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जेहाद से सबसे ज्यादा पीड़ित मुस्लिम ही हैं। इसी तरह से सांप्रदाविक दंगों से भी सबसे ज्यादा नुकसान मुस्लिमों का ही होता है। इस्लामिक स्टेट (आइएस ) की तरफ मुस्लिम युवाओं का झुकाव चिंता का विषय है।

हमें समझना होगा कि आखिर पढ़े-लिखे मुस्लिम युवा आइएस में क्यों शामिल हो रहे हैं? स्तंभकार रामिश सिद्धकी ने कहा कि दुनिया में इस्लाम को सही ढंग से समझने वाले मुस्लिमों की आबादी बहुत कम है।

इस्लाम धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करता,

द्विरष्ट्वाट की अवधारणा की वजह से भारत का विभाजन हुआ। द्विरष्ट्रबाद की अवधारणा इस्लाम से बिल्कुल विपरीत है। इस्लाम धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करता, लेकिन आज का मुस्लिम नेतृत्व धर्म के आधार पर ही सारे काम करता है।

इस मौके पर एकात्म मानवर्दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के चैयस्मैन महेशचंद शर्मा, जंगबहादुर गुप्ता एवं जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व सह-सचिव सौरभ शर्मा आदि मौजूद थे।