हिंसा की इजाजत नहीं देता इस्लाम

दैनिक जागरण, नई दिल्‍ली, 07, February, 2018

विश्व में शांति, सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने और इस्लाम में सुधार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में शुरू हुए सम्मेलन में फोरम फॉर प्रमोटिंग पीस के अध्यक्ष और जाने-माने इस्लामिक विद्वान शेख अब्दुल्लाह बिन बयाह ने कहा, हम यहां यह कहने के लिए एकत्रित हुए हैं कि मुस्लिम धर्म हिंसा की इजाजत नहीं देता है। उन्होंने कहा कि अभी पूरी दुनिया में मानवता के लिए जो चुनौतियां खड़ी हुई हैं उससे निपटने के लिए माराकेश घोषणापत्र के सिद्धांतों को अमल में लाना चाहिए। शेख अब्दुल्लाह ने कहा कि दुनिया के हर कोने में रहने वाले लोग शांति से जीना चाहते हैं। उन्हें शांति की इच्छा रखने वाले समूहों के साथ गठबंधन बनाना होगा।

इस अवसर पर नॉर्थवुड चर्च के वरिष्ठ पादरी बॉब रॉबटर्स ने कहा, हम अमेरिका में शांतिपूर्ण ढंग से रहना सीख रहे हैं। मेरा विश्वास है कि आपसी रिश्ता बनने से किसी भी तरह की जटिलताओं से आसानी से निपटा जा सकेगा।

अमेरिका में चल रहे सम्मेलन में फोरम फॉर प्रमोटिंग पीस के अध्यक्ष ने दिया आपसी सौहार्द पर जोर

वहीं, नाइजीरिया की महिला नेताओं ने सम्मेलन में कहा, ‘अगर ईश्वर ने हम सभी को विभिन्‍न तरह से बनाया है तो हम जो हैं उसे बदलने वाले हम कौन होते हैं। हमें एक-दूसरे को स्वीकार करना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से रहें। उनका यह भी कहना था कि अगर हम हिंसा को खत्म करने का प्रयास करते हैं तो निश्चित रूप से हम एक शांतिपूर्ण दुनिया का निर्माण करेंगे। इससे ही देश और दुनिया का विकास मुमकिन हो सकेगा।

गौरतलब है कि पांच से सात फरवरी तक चलने वाले इस सम्मेलन में विभिन्‍न धर्मों के वरिष्ठ नेता हिस्सा ले रहे हैं। इसका आयोजन संयुक्त अरब अमीरात स्थित संगठन, फोरम फॉर प्रमोटिंग पीस कर रहा है। इस संगठन के संरक्षक अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मुहम्मद बिन जायद अल नाहयान और उनके भाई व संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन जायद अल नाहयान हैं। इस सम्मेलन में भारत की ओर से हिस्सा ले रहे इस्लामिक मामलों के विशेषज्ञ और लेखक रामिश सिद्दीकी के अनुसार वाशिंगटन सम्मेलन में निकले निष्कर्षों को “वाशिंगटन घोषणापत्र” के नाम से जाना जाएगा। यह घोषणापत्र माराकेश में बनी सहमति की अगली कड़ी है।