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Prophet Muhammad ﷺ
रोज़े में वह अपनी इच्छाओं को रोकने पर राज़ी हुआ था, अब ईद के दिन बहार निकलकर वह अपने अधिकारों से ज्यादा अपनी जिम्मेदारियों पर नज़र रखनेवाला बन जाता है।
उपवास एक आदमी को सिखाता है कि बुनियादी मानव आवश्यकताएं क्या हैं। यह उसे बताता है कि भूख क्या है और प्यास क्या है।
रोज़ा इस्लाम की सबसे उत्कृष्ट इबादत मानी गयी है। जिसका पालन प्रत्येक मुसलमान को पूरे रमज़ान करना होता है।
मानवता के आदर्श मुहम्मद साहब
Dainik Jagran > Opinion >
Dated. 28 November, 2017.
हज़रत मुहम्मद साहब ने हमेशा धार्मिक कट्टरपन से न सिर्फ़ अपने को दूर रखा, बल्कि साथियों को भी इससे दूर रहने की सलाह दी।


कृतज्ञता का भाव
Dainik Jagran > Opinion >
Dated. 23 May, 2017.
रमज़ान का सबसे बड़ा लक्ष्य व्यक्ति को भौतिकवाद से निकाल आध्यात्मिकता के पथ पर अग्रसर करना है।
आत्मविश्लेषण करने का दिन
Dainik Jagran > Opinion >
Dated. 11 May, 2017.
लोग इस दिन रोज़ा रखते हैं। रात को कब्रिस्तानों में जाते हैं और इस दुनिया से चले गए अपने बुजुर्गों के लिए दुआ करते हैं।

अल-इसरा वल मेराज एक ऐसी रात का सफ़र है, जिसे इस्लाम के पैग़ंबर हज़रत मुहम्मद साहब ने किया था।
इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब के दामाद हज़रत अली साहब का जन्म साऊदी अरब के शहर मक्का में हुआ था।

प्रेरक है हज़रत मुहम्मद साहब का जीवन
Dainik Jagran > Opinion >
Dated. 07 December, 2016.
मुहम्मद साहब के जीवन में ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं, जहां उन्होंने हर किसी को अपनाया और गले लगाया। वे शिकायत की भाषा नहीं जानते थे।