रमजान के महीने में ‘द ट्रू फेस ऑफ इस्लाम’

अमर उजाला, नई दिल्‍ली, 02, July, 2016

रमजान के पाक महीने में ‘द ट्रू फेस ऑफ इस्‍लाम’ नाम के पुस्तक का व‌िमोचन 29 जुलाई को महामहीम उपराष्ट्रपत‌ि श्री हाम‌िद अंसारी ने क‌िया। पुस्तक के संपादक राम‌िश स‌िद्द‌ीकी बताते हैं क‌ि इस पुस्तक में उन्होंने अपने नाना जी मौलाना वाहीद्दुदीन खान के व‌िचारों को और लेखों को शाम‌िल क‌िया है।

राम‌िश स‌िद्द‌िकी का कहना है क‌ि इन्होंने इसमें इस्‍लाम को लेकर जो भ्रांत‌ियां है उसे दूर करके इस्‍लाम की सच्ची तस्वीर और इसकी व‌िशालता को दर्शाने का प्रयास क‌िया है। इन्होंने बताया है क‌ि कैसे इस्लामी आध्यात्मिकता धार्मिक कट्टरपंथियों से एकदम अलग है। इसल‌िए इन्होंने इस पुस्तक का नाम ‘द ट्रू फेस ऑफ इस्‍लाम’ रखा है ज‌िसका मतलब है ‘इस्‍लाम का असली चेहरा’।

राम‌िश स‌िद्द‌िकी का कहना है क‌ि इन्होंने इसमें इस्‍लाम को लेकर जो भ्रांत‌ियां है उसे दूर करके इस्‍लाम की सच्ची तस्वीर और इसकी व‌िशालता को दर्शाने का प्रयास क‌िया है।

इस पुस्तक में यह भी दर्शाने का प्रयास क‌िया गया है क‌ि राजनीत‌िक फायदे के ल‌िए क‌िस तरह से इस्लाम के मूल व‌िचारों के साथ छेड़छाड़ की जाती रही है।

इनके अलावा यह पुस्तक इस बात को सामने रखती है क‌ि ह‌िन्दू और दूसरे धर्मों के लोगों साथ मुसलमान क‌िस तरह शांत‌ि से रह सकते हैं। मदरसों के आधुन‌िकीकरण। शरिया और फतवे का महत्व है, इस्लाम में हिंसा और आत्मघाती हमलों के लिए घृणा, लैंगिक समानता को लेकर भी इस पुस्तक में चर्चा की गई है।